सोयाबीन की खेती में अब लागत ज्यादा लगने, कम उत्पादन और भाव में कमी के कारण लोग इसे भूलने को मजबूर है। आज हम एक ऐसी खेती के बारे में बात करेंगे जो धीरे-धीरे सोयाबीन की जगह ले रही है। यह खेती न सिर्फ लागत में कम है, बल्कि बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। जानिए कौन सी है ये फसल और कैसे इससे आप हर महीने हजारों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं।
यह फ़सल दे रही बंपर मुनाफ़ा
गांव के किसानों के लिए यह फसल एक नया वरदान बनकर आई है। सोयाबीन की खेती में अक्सर महंगी खाद और बीज की लागत, कीटों का खतरा और दामों का उतार-चढ़ाव रहता है। लेकिन इस नयी फसल में:
- बीज सस्ते मिलते हैं
- खेती में रासायनिक खाद कम लगती है
- बाजार में खरीददार तैयार बैठे हैं
- कटाई और रखरखाव आसान है
इसलिए सोयाबीन की खेती को भूल जाइए और इस नयी फसल की ओर ध्यान दीजिए।
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कौन सी है यह फसल जिससे सोयाबीन की खेती को जाओगे भूल
यह फसल है अरहर (तुअर) दाल। अरहर की खेती को नए सिरे से अपनाया जा रहा है। इसके बीज कम कीमत में मिलते हैं और बाजार में अरहर दाल की लगातार मांग रहती है। खास बात यह है कि अरहर की फसल को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती, और इसकी पैदावार भी अच्छी होती है।
अरहर खेती के फायदे
- लागत कम: बीज और खाद में भारी खर्च नहीं होता
- बाजार में मांग: दाल की खपत गांव-शहर सब जगह है
- फसल में रोग-कीट का खतरा कम
- जमीन की उर्वरकता बनी रहती है
- हर मौसम में उपयुक्त
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लागत और कमाई
नीचे दिए गए टेबल में एक एकड़ जमीन पर अरहर की खेती का अनुमानित खर्च और मुनाफा दिया गया है:
खर्च का विवरण | लागत (₹) |
---|---|
बीज | ₹1,500 |
खाद व उर्वरक | ₹2,000 |
मजदूरी और अन्य खर्च | ₹3,500 |
कुल लागत | ₹7,000 |
औसत पैदावार (क्विंटल) | 8-10 क्विंटल |
बाजार भाव (प्रति क्विंटल) | ₹6,000-₹7,000 |
कुल आमदनी | ₹48,000-₹70,000 |
शुद्ध लाभ | ₹41,000-₹63,000 |
कैसे शुरू करें यह खेती?
- बीज का चयन – अच्छी किस्म के बीज , जैसे – Pusa-991 खरीदें।
- भूमि तैयारी – खेत को अच्छी तरह जोतें, और मिट्टी की नमी बनाए रखें।
- बुआई का समय – मानसून की शुरुआत में बुआई सबसे बढ़िया रहती है।
- खाद प्रबंधन – जैविक खाद का ज्यादा इस्तेमाल करें।
- सिंचाई – कम पानी में भी फसल तैयार हो जाती है।
- फसल कटाई – अरहर की बुआई के लगभग 6 से 7 महीने बाद फसल तैयार हो जाती है।
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बाजार में बिक्री के आसान तरीके
- गांव की मंडी या नजदीकी बाजार में बेच सकते हैं।
- दल मिल (Mills) या प्रोसेसिंग यूनिट से सीधे संपर्क।
- थोक व्यापारी या आढ़तियों से पहले ही बात कर लें।
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सोयाबीन की खेती की तुलना में अरहर की खेती में मुनाफा ज्यादा, लागत कम और बाजार की स्थिरता भी बेहतर है। ऐसे में गांव के छोटे किसान भी अरहर खेती से बढ़िया कमाई हो सकती हैं।
Disclaimer: किसी भी खेती या बिजनेस को शुरू करने से पहले अपने स्तर पर जाँच जरूर कर लें। खेती में कई प्रकार की चुनौतियाँ हो सकती हैं, इसलिए हमेशा अपने विवेक से निर्णय लें।
मै एक अनुभवी डिजिटल कंटेंट क्रिएटर और फाइनेंस ग्रेजुएट हूँ. मैने (B.Com CA) कॉमर्स और अकाउंटिंग की पढ़ाई की है और पिछले 7 वर्षों से ऑनलाइन इनकम, बिज़नेस आइडियाज कंटेंट लेखन का काम कर रहा हूँ।
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