Jaisalmer Success Story: आज हम आपके सामने जैसलमेर की सीमा भाटी की एक ऐसी बिज़नेस सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं, जो दिखाती है कि मेहनत और लगन से कोई भी इंसान अपनी किस्मत खुद लिख सकता है। सीमा भाटी ने कम पढ़ाई और बेहद सीमित संसाधनों के बावजूद न केवल अपनी जिंदगी बदली बल्कि टूरिज्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान भी बनाई है।
शुरू हुआ सीमा भाटी का सफर जैसलमेर से
सीमा भाटी जैसलमेर के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। बचपन में गरीबी और आर्थिक तंगी की वजह से वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाईं। लेकिन टूरिस्टों की आवाजाही देखकर उनके मन में यह विचार आया कि अगर वो भी गाइडिंग कर सकें तो खुद का रोजगार खड़ा कर सकती हैं।
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सीमा भाटी ने किसी महंगे कोचिंग सेंटर या कोर्स पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया। उन्होंने अपनी लगन से फ्री ऐप्स जैसे Duolingo को अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया और हर दिन थोड़ा-थोड़ा कर के इंग्लिश बोलना सीखने की कोशिश की। चाहे दिन हो या रात, जब भी थोड़ा समय मिलता, वे ऐप खोलकर नए शब्द और वाक्य बोलने का अभ्यास करतीं। साथ ही, यूट्यूब पर मौजूद आसान ट्यूटोरियल वीडियो से उन्होंने टूरिस्ट से बात करने का तरीका और जरूरी शब्दावली सीखी।
शुरुआत में वो पास के एक छोटे होटल में काम करने लगीं ताकि टूरिस्ट के संपर्क में रहकर सीखी हुई इंग्लिश को आज़मा सकें। हर नए टूरिस्ट से बात करने की उनकी कोशिश उनके आत्मविश्वास को और मजबूत बनाती गई।
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खड़ा किया खुद का टूरिस्ट बिज़नेस
आपको जानकर हैरानी होगी कि इंग्लिश में आत्मविश्वास आने के बाद सीमा ने खुद को लोकल गाइड के रूप में स्थापित करना शुरू किया। उन्होंने जैसलमेर के ऐतिहासिक स्थलों और रेगिस्तान के बारे में गहराई से जानकारी इकट्ठा की और विदेशी पर्यटकों को बेहतरीन अनुभव देना शुरू किया।
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टूरिस्ट बिज़नेस की कमाई से नए साधन भी बनाए
सीमा सिर्फ गाइडिंग तक सीमित नहीं रहीं। उन्होंने अपनी कमाई से तीन ऊंट खरीदे और आज वे पर्यटकों को रेगिस्तान सफारी की भी सुविधा देती हैं। इसके अलावा जब पर्यटक उनकी सिफारिश पर किसी होटल या होमस्टे में रुकते हैं तो वहाँ से भी उन्हें कमीशन मिलता है।
कमाई का स्रोत | औसत रोज़ाना इनकम |
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टूर गाइडिंग | ₹2500 – ₹3000 |
ऊंट सफारी | ₹1000 – ₹1500 |
होटल कमीशन | ₹500 – ₹700 |
संगीता की खास बात
सीमा की सबसे बड़ी पहचान ये है कि वह सिर्फ गाइडिंग नहीं करतीं, बल्कि विदेशी पर्यटकों को “खम्मा घणी” से शब्दों और राजस्थान की वीरता की गाथाएं, जैसलमेर की अनूठी स्थापत्य कला और भारत की शांति और भाईचारे की परंपरा से भी परिचित कराती हैं। यही वजह है कि पर्यटक उन्हें बार-बार रिकमेंड करते हैं और उनके साथ यात्रा को यादगार बताते हैं।
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ऐसे करें इस बिज़नेस की शुरुआत
अगर आप भी टूर गाइडिंग या टूरिज्म से जुड़ा खुद का काम शुरू करना चाहते हैं तो इन बिंदुओं पर ध्यान दें:
- अपने शहर या गांव की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक जगहों की पूरी जानकारी जुटाएं।
- Duolingo, YouTube जैसे फ्री प्लेटफॉर्म से इंग्लिश बोलना सीखें।
- लोकल होटल्स, टूर एजेंसियों और होमस्टे से नेटवर्किंग करें।
- सोशल मीडिया (Instagram, Facebook) पर video बनाकर खुद की सर्विस को प्रमोट करें।
- ईमानदारी और पेशेवर अंदाज में पर्यटकों से व्यवहार करें।
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सीमा भाटी की यह सक्सेस स्टोरी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो कुछ अलग करना चाहता है। बिना किसी बड़ी डिग्री या बड़ी पूंजी के भी अगर आपके अंदर जज्बा और सीखने की ललक है तो आप भी टूरिज्म सेक्टर में अपनी जगह बना सकते हैं।
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Disclaimer: यह लेख एक सच्ची बिज़नेस सफलता पर आधारित है। किसी भी बिज़नेस को शुरू करने से पहले अपने स्तर पर पूरी जानकारी और जांच अवश्य कर लें।